Saturday, September 25, 2010

Re: ADYODYA DECISION DELAYED - संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव

महोदय
यदि इस्लाम अथवा ईसाइयत धरती पर रहे तो या तो मंदिर बन नहीं सकता और यदि बन भी गया तो वह ध्वस्त कर दिया जायेगा. पूर्ण विवरण संलग्नक मे पढ़ें 
-- 
Yours faithfully,
Ayodhya Prasad Tripathi, (Press Secretary)
Aryavrt Government
77 Khera Khurd, Delhi - 110 082
Phone: (+91) 9868324025/9838577815
Email: aryavrt39@gmail.com
Blog: http://aaryavrt.blogspot.com
Web-site: http://www.aryavrt.com
Read my eBook 'Wary of Sonia on Web-site: http://www.aryavrt.com/wary-of-sonia
Christianity and Islam are criminal religions. They are not minorities. Instead we Vedic Panthies are minority among minorities. Protect us to salvage human races.
If you feel that this message be telecasted, donate us. Rush your contribution in the account of Manav Raksha Sangh Account No. 016001020168 ICICI Bank Ltd. Else keep ready for your doom. Remember! Whoever you are, you won't be able to save your properties, women, motherland, Vedic culture and even your infants. Choice is yours, whether you stick to dreaded usurper Democracy and get eradicated or survive with your rights upon your property, freedom of faith and life with dignity?
===
2010/9/24 savarkar vinayak <savarkar_vinayak@yahoo.co.uk>


----- Forwarded Message ----
From: vhppress HQ <pressvhphq@gmail.com>
To: Jammujottings@yahoo.com
Sent: Fri, 24 September, 2010 16:09:39
Subject: संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव


विश्व हिन्दू परिषद्
संकटमोचन आश्रम, (हनुमान मंदिर) से0-6,रामकृष्णपुरम, नई दिल्ली-22
दूर-011-26178992, 26103495 फैक्स-26195527,

आदरणीय बन्धुवर,
 जय श्रीराम।
 आशा है आप स्वस्थ एवं आनन्द पूर्वक रहकर हनुमत शक्ति जागरण अनुष्ठान को सफल बनाने में लगे होंगे।
 विदित हो कि श्रीराम जन्मभूमि से संबंधित वाद का निर्णय दि0 24 सितम्बर को अपेक्षित था किन्तु सर्वोच्च न्यायालय के एकाएक हस्तक्षेप के कारण निर्णय एक सप्ताह के लिए टल गया है। इस सम्पूर्ण परिपेक्ष्य में विचार करने हेतु संत उच्चाधिकार समिति की बैठक उदासीन आश्रम दिल्ली में सम्पन्न हुई। जिसमें अधिकांश प्रमुख संत उपस्थित थे। संतों ने सम्पूर्ण प्रकरण पर गंभीरता पूर्वक विचार करते हुए एक प्रस्ताव भी पारित किया है। संतों द्वारा पारित संकल्प रूपी प्रस्ताव आपको प्रकाशनार्थ एवं सूचनार्थ भेज रहे हैं।

प्रस्ताव
दिनांक: 24 सितम्बर, 2010

 सन्त उच्चाधिकार समिति दो टूक शब्दों में स्पष्ट करना चाहती है कि श्रीराम जन्मभूमि का तथाकथित विवादित 90 x 130 वर्गफुट भूखण्ड सहित सम्पूर्ण 70 एकड़ अधिगृहीत परिसर अविभाज्य रूप से विराजमान श्रीरामलला का जन्म, लीला एवं क्रीड़ा स्थल है। इसलिए इस परिसर का विभाजन और इसमें किसी अन्य मत-मजहब का पूजा स्थल नहीं बनेगा। समिति का दृढ़ विश्वास है कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम भारत राष्ट्र की संस्कृति, परम्परा, पौरुष पराक्रम, एकता एवं अखण्डता तथा सामाजिक सौहार्द के प्रतीक एवं आस्था केन्द्र हैं जबकि दूसरी तरफ इतिहास का यह भी कड़वा सत्य है कि बाबर एक विदेशी बर्बर आक्रमणकारी था, जिसने भारतीय स्वाभिमान एवं अस्मिता के मानमर्दन हेतु ही श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर को ध्वस्त कर मस्जिद जैसा ढांचा निर्माण कराया। भगवान राम हिन्दू समाज के परमाराध्य हैं अतः उनकी जन्मभूमि में हिन्दू समाज की आत्मा निवास करती है। अतः उस समय से लेकर आज तक हमारी अनेक पीढ़ियाँ अपने स्वाभिमान एवं मानबिन्दु की रक्षा हेतु संघर्ष करते हुए प्राणोत्सर्ग करती आ रही हैं। अब समय आ गया है कि राजनीतिक दलों के लोगों को इस सत्य को स्वीकार करना चाहिए कि मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम इस भारत राष्ट्र के सर्वस्व हैं, राम के बिना भारत की कल्पना असंभव है। कोटि-कोटि हिन्दुओं के रहते हुए श्रीरामलला टाट के मन्दिर में रहें, यह हिन्दू समाज सहित सभी के लिए अपमान एवं पीड़ा का विषय है। अतः अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण के प्रश्न पर स्पष्ट नीति अपनाना ही इस देश के हित में होगा। इसलिए सन्त उच्चाधिकार समिति आह्वान करती है कि सभी दलों के सांसद एकमत होकर सोमनाथ मन्दिर की तरह संसद में कानून बनाकर श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त करें।
 साथ ही साथ रामभक्त, राष्ट्रभक्त हिन्दू समाज का आह्वान करते हैं कि लोकतांत्रिक पद्धति से श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मन्दिर निर्माण के लिए सभी प्रकार से तैयार रहें। यदि किसी प्रकार से श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर परिसर में मस्जिद बनाने का प्रस्ताव आता है तो सम्पूर्ण सामर्थ्य के साथ उसका विरोध कर उस षड्यंत्र को विफल करें।
जारीकर्ता
विश्व संवाद केन्द्र
                                                            प्रकाश शर्मा, प्रवक्ता      

 


--
संकटमोचन आश्रम
रामकृष्णपुरम,से.-6,
नई दिल्ली-22
Website-http://www.vhp.org,
कृपया वेबसाइट अवश्य देखें।





No comments: